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नूतन वर्ष 2021 !!!



 यह वर्ष हर्ष आनन्दित हो ........... 


यह वर्ष हर्ष आनन्दित हो,

मानवता प्रतिपल वन्दित हो,

हर धृणा द्वेष मन कलुष मिटे, 

नित प्रेम पुष्प मकरन्दित हो |


हर खेतों में हरियाली हो,

वसुधा नव चूनर वाली हो,

हो गगन मगन धर नील वसन,

रवि रथ की छटा निराली हो |


कोकिल कूजित तरु डालों पर,

मधुकर गूंजित सुर तालों पर,

चूड़ी छनके झांझर झनके,

दिल लुटे हंसिनी चालों पर |


ये शिशिर सिहरती रात रहे, 

सावन की रस बरसात रहे, 

ऋतुराज अनंगित हो वसन्त, 

मद मिलन मधुर सौगात रहे |


राधा के कृष्ण मुरारी हों, 

गौरी  संगी त्रिपुरारी हों, 

किसी राम-सिय को विरह नहीं, 

कवि प्रेम गीत मतवारी हो, 


मन्दिर मस्जिद की शान रहे,

गुरु द्वारे का सम्मान रहे,

भारत का गौरव उच्च सदा,

प्रभु यिशू का प्रिये नाम रहे |


तीनो सेना का अभिनन्दन, 

बलिदानी रक्त रहे चन्दन, 

खुश धरती पुत्र किसान रहें, 

जिनसे अचला का नित रंजन |


हाहाकारी था बीस बीस,

इक्कीस खूब धनवान रहे,

धर्म कर्म ईमान हमारा,

 गर्वित ये हिन्दुस्तान रहे |












कुसुमाकर पंत 

मोब : +91-9509877844 (Whatsapp)

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