एक अनकही-सी एक अनसुनी-सी रस-माधुरी बिखरी थी मेरे ललाट और मस्तिष्क के ख्यालों पर, जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था मदमस्त, चहचहाते हुए उस धुन वाले प…
और पढ़ेंयह वर्ष हर्ष आनन्दित हो ........... यह वर्ष हर्ष आनन्दित हो, मानवता प्रतिपल वन्दित हो, हर धृणा द्वेष मन कलुष मिटे, कुसुमाकर पंत
और पढ़ेंवह दीप चाक पर चढ़ा था बरसों से .. किसी के खुरदरे स्पर्श से स्पंदित मिट्टी जी रही थी धुरी पर घूर्णन करते हुए सूरज को समेटे अपनी कोख में .. …
और पढ़ेंतू अगर दिल-नवाज़ हो जाए सोज़ हम-रंग-ए-साज़ हो जाए दिल जो आगाह-ए-राज़ हो जाए हर हकीक़त मजाज़ हो जाए लज़्ज़त-ए-ग़म का ये तक़ाज़ा है मुद्दत-ए-ग…
और पढ़ेंएक उन्मुक्त नदी निर्बंध, निडर बाँध तोड़ बहने को उत्सुक कब रोक पायी उसे बेबस बाड़? आ, गेसुओं की सुगन्ध मुझसे गले मिल जा। हवा का कोना-कोना …
और पढ़ेंअम्माँ, अम्माँ मुझे बताना, ‘‘क्या सच है जो कहती दादी, बिन हथियार उठाए सचमुच क्या बापू ने दी आजादी? अम्माँ बोलो, गांधी जी ने, कैसे चमत्कार दिखलाया…
और पढ़ेंनए साल की नई तारीख़ों में, बस्तों से बचाना है बचपन, कोख से बचानी हैं कन्याऐं, स्वार्थों से बचाने हैं सम्बन्ध, संबंधों में बचाने हैं संवाद, संव…
और पढ़ेंसुबह आयी तेरे इंतज़ार की खुशबू लेकर फिर तमाम दिन मुझे तेरा इंतज़ार रहा शाम आयी तेरे ना आने की मायूसी लेकर फिर तमाम रात अंधेरो मे ढूढ़ा है तुझे…
और पढ़ेंबड़े सवेरे जब खिलते बेला, गुलाब, कचनार, मुझे बहुत प्यारा तब लगता फूलों का संसार! गेंदा, चंपा और चमेली महकी-महकी हैं अलबेली, आँगन में आ गई अच…
और पढ़ेंचलत चलाकी अनौखी वीर चर्चिल हूँ। कीनी यह घोषणा अजादी की लड़ाई है॥ आस कर एशिया के मंत्रिन सौं कही बात। बोल्यौ कछू भारत की यामें भलाई है॥ साफ दियौ…
और पढ़ेंशायद तुम भूल चुके हो, अपना प्रथम प्रणय निवेदन! मेरी पायल की झनक से, तीव्र हो जाता था स्पंदन! अब मेरा कुछ भी कहना लगता है एक कांटे की चुभन…
और पढ़ेंवो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है ये अगर रस्मों, रिवाज़ों से बगावत है तो है सच को मैने सच कहा, जब कह दिया तो कह दिया अब ज़माने की नज़र में…
और पढ़ेंपल भर में लहू की एक नद्दी में गिरा था हथेलियों के बल मुश्किल से अभी-अभी उठा- माथे और कनपटियों से अब भी ख़ून टपकता है हाथ लटकता है झोली में ए…
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